सोमवार, 23 फ़रवरी 2009

`गर भाषा न होती´ को पांचवा स्थान

कलम का सिपाही प्रतियोगिता में मेरी कविता `गर भाषा न होती´ को पांचवा स्थान प्राप्त हुआ इसके लिए आप सभी का आभार। मैंने पहली बार ही इस तरह की किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। आपका सहयोग पाकर बहुत अच्छा लगा। आगे भी आपका स्नेह व आशीर्वाद मिलता रहेगा इसी उम्मीद के साथ। इस तरह की प्रतियोगिताओं के होने से सभी को एक मंच पर आने का मौका मिलता है।

1 टिप्पणी:

Aapk Salah Ke liye Dhnyavad