गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

दीदार

दीदार

हमारा दिल होता है बेताब गर आप नही आये
हमारा मन तब तलक रोता है जब तक आपको न पाये

आपका दीदार होते ही हमारे दिल मे बहार आती है
इसीलिए हम राह तकते है शायद आप नजर आये

समन्दर मे लहरे उठती है रह-रहकर हम उन्ही को तकते है
शायद आप नहीं आपकी तस्वीर ही नजर आये

हमारे जीवन का आशियाना रहता है वीरान
इस आस मे कभी तो आप आऐंगे हमारे दर पर बनकर मेहमान

आपकी गर नजरे करम हो जाये
हमारे अंधेरे दिल के चिराग फिर रोशन हो जाए।

हम आपकी याद मे डूबे रहते है हर समय
न जाने जिंदगी की किस गली मे हमारी सांझ हो जाए

कभी तो हमारे दीदार को आए
हमारी बस यही आरजू है कभी तो आपको हमारी याद आए

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