गुरुवार, 19 फ़रवरी 2009

डिलेवरी केस

डिलेवरी केस
(एक घर मे सामने 50 औरते लाइन मे खड़ी है। घर के बाहर दरवाजे के एक तरफ नेम प्लेट है। जिस पर लिखा है लेड़ी डॉ। शोभा। घर के अन्दर)

डॉ शोभा : (कमरे मे एक कुर्सी पर बैठी है और सामने एक औरत बैठी है।) हां तो तुम प्रत्येक दिन यह गोलियां 2 बार लेना और यह एक बार, ठीक है। 10 दिन बाद फिर चैकअप करवा लेना। (औरत बटुए से 50 रू। निकालती है। डॉ। शोभा को देती है। डॉ। शोभा टेबल के दराज मे डाल देती है)
(डॉ. शोभा घंटी बजाती है)
गंगू बाई : हां मेमसाहब क्या चाहिए था?
डॉ शोभा : (धीरे से) गंगू बाई बाहर जाकर देखो पैसेन्टों की कितनी भीड़ है।
गंगू बाई : ठीक है मेम साहब। गंगू बाई बाहर चली जाती है। थोड़ी देर बाद डॉ शोभा पैसेन्टों को फिर देखने लगती है।
डॉ शोभा : हां क्या हुआ गंगू बाई।
गंगू बाई : 50-60 औरते खड़ी है, मेम साहब।
डॉ शोभा : ठीक है तुम जाओ। (घड़ी की तरफ देखकर) ओह 10:30 बज गये और बाहर इतने पेसेन्ट खड़े है। क्या करूं आज हॉस्पीटल से छुट्टी ले लेती हूं। (एक फोन लगाकर बात करती है) हैलो....हां कौन डॉ. मित्तल.....हां मै कह रही थी कि आज मै हॉस्पीटल नही आ सकती हूं....बिकोज आई एम नॉट फिलिंग वेल टू डे...ओ यस् बाय.....। फोन रख देती है।
डॉ शोभा फिर पेसेन्टो को देखने लगती है। आधे घण्टे बाद फोन की घण्टी बजती है। डॉ. शोभा फोन उठाती है। हैलो डॉ. शोभा स्पीकिंग हियर...हां बोलो नर्स.....क्या एक डिलेवरी केस है.....एमरजेंसी है......हां तुम ऐसा करो उसे एडमिट कर लो....ठीक है मै कल सुबह आकर देख लूंगी। (फोन रख देती है) डॉ। शोभा फिर पेसेन्टो को देखने लगती है। (एक घण्टे बाद एक ग्रामीण व नर्स भागते हुए आते है डॉ शोभा के क्लीनिक रूम मे प्रवेश करते है।)
नर्स : डॉक्टर, डॉक्टर एक अभी एमरजेंसी डिलेवरी केस आया है। उसका ऑपरेशन जरूरी है।
ग्रामीण : (हाथ जोड़ते हुए) मारी बीवी ने बचा लो डॉक्टर साहब, वा तड़पेरी है सा आप जल्दी हालो सा।
डॉ. साहिबा : बट आई एम बिजी हियर। आई हेव नो टाइम। मैने तो ऑलरेडी आज हॉस्पीटल से छुट्टी ले रखी है। (नर्स की तरफ देखते हुए) नर्स तुम उसे एडमिट कर लो और डॉ मित्तल को कहो कि वो ऑपरेशन कर ले।
नर्स : मगर वो कह रहे है कि ये उनके बस की बात नही है सिर्फ उसका ऑपरेशन आप ही कर सकती है।
डॉ. शोभा : ठीक है जब तक मै तैयार होकर आती हूं तुम लोग डिलीवरी केस को हैंडल करने की कोशिश करो (नर्स और ग्रामीण हॉस्पीटल चले जाते है 2 घण्टे बाद डॉ. शोभा के क्लीनिक के सामने की भीड़ समाप्त हो जाती है। तभी फोन की घण्टी आती है।) हैलो....डॉ. शोभा स्पीकींग.....हॉ बोलो मित्तल......(आश्चर्य से) क्या दोनो की डिलेवरी केस मे डैथ हो गई।.....ओ नो मै अभी आ ही रही थी।.....इट इज वेरी बेड न्यूज व्हॉट आई डूं। भगवान की जो इच्छा होती है उसे कोई नही टाल सकता......हां....ओ के बांय। ......डॉ. शोभा गंगू बाई यहां से सब साफ सफाई कर लो। और मेरा खाना लगा दो। आज मै बहुत थक गई हूं। आज बहुत डिलेवरी पैसेंट आये थे। (डॉ. शोभा टेबल के ड्रा को देखती है। टेबल का पूरा ड्रा रूपयों से भरा हुआ था। डॉ. शोभा मुस्कुराते हुए अपने आप से कहती है।) ये तो होना ही था। डिलेवरी केस जो है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. आज का वास्तविक सत्य यही है
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